नाहन3 मिनट पहले
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अयोध्या में 28 साल पहले विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने जो फैसला सुना कर असत्य पर सत्य कि जीत हुई है। यह बात भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने कही। उन्होंने बताया कि कहा कि सत्य को दबाया जा सकता हैं, पर समाप्त नहीं किया जा सकता हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य था कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए न कि यह मुद्दा चुनावी था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 325 साल के बाद भी अयोध्या में बावरी मस्जिद थी इसको प्रूफ नहीं कर सके। बाबरी मस्जिद राम मंदिर को तोड़ कर उसी दीवारों पर बनाई थी जिसका प्रमाण खुदाई के समय देवी देवताओं की मूर्तियां मिलना है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उस समय की केंद्र सरकार ने दबाव के कारण भाजपा के नेताओं को फंसाया, लेकिन 28 साल के बाद जो फैसला आया है उसमें सत्य की जीत हुई हैं और सभी भाजपा नेता उच्च न्यायालय ने बरी कर दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 नेताओं को बरी कर दिया।
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई की तरफ से पेश किए गए सबूत मजबूत नहीं थे। बाबरी विध्वंस की घटना अचानक से ही हुई थी, यह पूर्व नियोजित नहीं थी। बता दें कि इस मामले में कुल 49 लोगों पर आरोप लगे थे, जिनमें से 17 की मौत हो चूकी थी।
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